जिंदा मुहावरों का समय ... डाॅ शरद सिंह के संस्मरण पुस्तक के अंश - 2
ये है 'जनसत्ता'में सन् 1988 में प्रकाशित हुई मेरी रिपोर्ट ....Jansatta, 27 Feb1985, Dr Sharad Singh#ज़िंदा_मुहावरों_का_समय#संस्मरण #मेरेसंस्मरण #डॉशरदसिंह #शरदसिंह #Memoir #MyMemoir...
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सन् 1983 में जबलपुर से प्रकाशित होने वाले "नवीन दुनिया"में छपी मेरी तस्वीर...उन दिनों हमारे पास सोनी कंपनी का ब्लैक एंड वाइट फोटो वाला एक छोटा-सा कैमरा था, उसी कैमरे से वर्षा दीदी ने मेरी यह तस्वीर...
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कल रात मैंने अपनी फाईल पलटी तो उसमें मुझे अपनी 08 जुलाई 1982 की वह रिपोर्ट मिली जो मैंने दस्यु चाली राजा के सरेंडर पर लिखी थी।निश्चित रूप से योगेंद्र सिंह सिकरवार जी के लिए भी वे दिन अविस्मरणीय होंगे...
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इंटरव्यू जो मैंने तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस श्री एस पी नायडू से लिया था। आपको बता दूं कि श्री एसपी नायडू मशहूर क्रिकेटर कर्नल सीके नायडू के पुत्र थे। उनसे मेरी लंबी-चौड़ी सार्थक बातचीत हुई थी।...
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मेरा पहला सम्वाददाता पत्र ... मित्रो, यह फोटो मैंने अपने कॉलेज ID के लिए पन्ना में जुगलकिशोर जी के मंदिर के पास जड़िया स्टूडियो में खिंचवाई थी। दो चोटी और बेलबॉटम का ज़माना ज़ारी था। उस पर जुनून...
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80 के दशक में आंचलिक और कस्बाई पत्रकारिता का अपना एक विशेष महत्त्व था। छोटे शहरों में पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करना जहां एक ओर जोखिम भरा हुआ करता था वहीं दूसरी ओर उसे सम्मान की दृष्टि से भी देखा...
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जिला पत्रकार संघ पन्ना में मुझे पदाधिकारी रहने का भी अवसर मिला। सन् 1982 में सह सचिव रही तथा सन् 1984 में मंत्री के पद के लिए निर्वाचित हुई। पन्ना का जिला पत्रकार संघ एक औपचारिक पत्रकार संघ न होकर एक...
View Articleडाॅ. शरद सिंह द्वारा संपादित पुस्तक मनोरमा ईयरबुक 2020 में शामिल
Third Gender Vimarsh - Book Edited By Dr (Miss) Sharad Singh❤️ Hearty Thanks The #Malayala_Manorama_Hindi_Yearbook 2020 🙏❤️Hearty Thanks #Samayik_Prakashan 🙏 मेरे द्वारा संपादित एवं सामयिक प्रकाशन...
View Articleज़िंदा मुहावरों का समय - डॉ शरद सिंह - संस्मरण पुस्तक का अंश
सन् 1985 में मैंने पहली बार सुप्रसिद्ध जैनतीर्थ कुण्डलपुर का भ्रमण किया। उन दिनों "बड़े बाबा"की प्रतिमा अपने मूल स्थान पर थी। कुण्डलपुर पर लिखे मेरे लेख "नवनीत", "साप्ताहिक हिन्दुस्तान"और "नईदुनिया"में...
View Articleपराई बेटी - डॉ (सुश्री) शरद सिंह, कहानी
कहानीपराई बेटी- डॉ (सुश्री) शरद सिंहबाल्कनी में बैठी हुई मंजू जी ने चाय का अभी एक घूंट भरा ही था कि दिव्या की आवाज़ आई - "मम्मी चाय में चीनी कम तो नहीं है।"मंजू जी ने उत्तर दिया,"नहीं बेटा चाय में चीनी...
View Articleज़िंदा मुहावरों का समय - डॉ शरद सिंह - संस्मरण पुस्तक का अंश
( शायद यक़ीन न हो पर ये मैं हूं... 5 वीं कक्षा की ग्रुप फोटो में से...निहायत बुद्धू-सी दिखाई दे रही ह़ूं !) उन दिनों मैं पन्ना (म.प्र) के शिशु मंदिर विद्यालय में पढ़ा करती थी। (सरस्वती शिशु मंदिर...
View Articleस्त्री, प्रेम, अधिकार और समाज अर्थात् विमर्श ‘लिव इन रिलेशन’ का - डाॅ....
Dr (Miss) Sharad Singhलेखस्त्री, प्रेम, अधिकार और समाजअर्थात् विमर्श ‘लिव इन रिलेशन’ का- डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह‘लिव इन रिलेशन’ महानगरों में एक नई जीवनचर्या के रूप में अपनाया जा रहा है। यह माना जाता है...
View Articleगोखले के सानिंध्य में गांधी के तीन माह - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह
Dr (Miss) Sharad Singhलेखगोखले के सानिंध्य में गांधी के तीन माह - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह(साहित्यकार, स्तम्भकार एवं संपादक। लेखिका ने महात्मा गांधी, महामना मदनमोहन मालवीय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा...
View Articleएक पुनर्पाठ आलेख कृष्णा सोबती के उपन्यास ‘समय सरगम’ का ... संवेदनाओं का आकलन...
Dr (Miss) Sharad Singhएक पुनर्पाठ आलेख कृष्णा सोबती के उपन्यास ‘समय सरगम’ का ...संवेदनाओं का आकलन वाया ‘समय सरगम’ - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह समय यदि...
View Articleभारतीय कथा लेखन की आधुनिक प्रवृत्तियां और हिन्दी कथालेखन - डाॅ. (सुश्री) शरद...
Dr (Miss) Sharad Singh, Author, Novelist and Social Activistभारतीय कथा लेखन की आधुनिक प्रवृत्तियां और हिन्दी कथालेखन - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंहBhartiya Katha Lekhan Ki Adhunik Pravrittiyan Aur Adhunik...
View Articleरामकथा की वैश्विक मूल्यवत्ता - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह
व्याख्यान-आलेख रामकथा की वैश्विक मूल्यवत्ता ।। डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह( लेखिका की विभिन्न विषयों पर पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। लेखिका इतिहासविद्, साहित्यकार, स्तम्भकार, कार्यकारी...
View Articleउपन्यास "शिखंडी : स्त्री देह से परे"की समीक्षा "दैनिक हिन्दुस्तान"में - डॉ...
"दैनिक हिन्दुस्तान"में मेरे उपन्यास "शिखंडी : स्त्री देह से परे"की समीक्षा प्रकाशित ।सामयिक प्रकाशन, नई दिल्ली से प्रकाशित मेरा यह उपन्यास आप Online भी मंगा सकते हैं -✴️Shikhandi...
View Articleबुंदेली व्यंग्य | लाईव ने भए तो कछु न भए | डॉ. (सुश्री) शरद सिंह | राजस्थान...
पत्रिका समाचारपत्र ने आज से एक नया कॉलम आरम्भ किया है- #पत्रिका_व्यंग्य । इसकी शुरुआत मेरे #बुंदेली_व्यंग्य से की गई जिसके लिए मैं #पत्रिका की हृदय से आभारी हूं। तो ये है मेरा बुंदेली...
View Articleलेखिका डाॅ (सुश्री) शरद सिंह से शोधार्थी सपना नेगी द्वारा लिया गया साक्षात्कार
Dr (Miss) Sharad Singh, Author, Novelist and Social Activist प्रिय ब्लाॅग पाठको, आज मैं आपसे यहां अपना एक साक्षात्कार साझा कर रही हूं जिसे एक शोधार्थी द्वारा मुझसे लिया गया है। आशा है कि मेरे ब्लाॅग...
View Articleसागर शहर का साहित्यिक परिदृश्य - डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह
Dr (Miss) Sharad Singhलेख सागर शहर का साहित्यिक परिदृश्य- डाॅ. (सुश्री) शरद सिंह किसी भी क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं जातीय पहचान उस क्षेत्र के साहित्य एवं साहित्यिक गतिविधियों से होती है। साहित्य...
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